नई कार खरीदने पर आपकी जेब से सरकार को कितने जाते हैं पैसे? यहां समझिए पूरा हिसाब

नई कार खरीदने पर आपकी जेब से सरकार को कितने जाते हैं पैसे : अगर आप नई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ कार की एक्स-शोरूम कीमत देखकर अंदाजा मत लगाइए, क्योंकि असल में जो रकम आपकी जेब से जाएगी, वह काफी ज्यादा होगी। कार की कीमत के अलावा सरकार को टैक्स, रोड टैक्स, इंश्योरेंस और अन्य शुल्क के रूप में भारी रकम चुकानी पड़ती है। कई बार ये अतिरिक्त चार्जेस मिलाकर कुल कीमत 40% तक बढ़ सकती है

तो चलिए, आपको पूरी गणना करके बताते हैं कि एक कार खरीदते समय आपकी जेब से सरकार को कितना पैसा जाता है और यह कैसे तय होता है।


1. एक्स-शोरूम प्राइस (Ex-Showroom Price) क्या होती है?

एक्स-शोरूम प्राइस वह कीमत होती है, जो कंपनी द्वारा डीलर को दी जाती है। इसमें मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट, डीलर का कमीशन और कंपनी द्वारा लगाए गए बेसिक टैक्स शामिल होते हैं। लेकिन इसमें रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और अन्य राज्य सरकार के टैक्स नहीं जोड़े जाते।


2. ऑन-रोड प्राइस कैसे तय होती है?

ऑन-रोड प्राइस का मतलब वह कुल राशि है, जो आपको कार खरीदते समय चुकानी पड़ती है। इसमें कई अतिरिक्त चार्ज जोड़े जाते हैं, जिनमें सबसे बड़ा हिस्सा टैक्स का होता है। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं—

मान लीजिए, आपने 10 लाख रुपये की एक्स-शोरूम कीमत वाली कार खरीदी है, तो उस पर आने वाले टैक्स और चार्ज कुछ इस तरह होंगे:

शुल्क का प्रकार प्रतिशत (%) कुल राशि (₹)
GST + Cess 18-50% (कार के प्रकार पर निर्भर) ₹1,80,000 – ₹5,00,000
रोड टैक्स 6-15% (राज्य के हिसाब से) ₹60,000 – ₹1,50,000
रजिस्ट्रेशन शुल्क (RTO) 3-10% ₹30,000 – ₹1,00,000
इंश्योरेंस (अनिवार्य) 3-5% ₹30,000 – ₹50,000
फास्टैग और अन्य शुल्क ₹2,000 – ₹10,000 ₹2,000 – ₹10,000
टोटल अतिरिक्त खर्च ₹3,00,000 – ₹7,00,000

तो कुल मिलाकर 10 लाख की कार की ऑन-रोड कीमत ₹13 से ₹17 लाख तक हो सकती है!


3. कौन-कौन से टैक्स सरकार को जाते हैं?

(i) जीएसटी (GST) और सेस (Cess):

छोटी कारों (1.2L इंजन तक) – 28% (GST + Cess)
मिड-साइज कार (1.2-1.5L इंजन) – 28% + 1-3% Cess
एसयूवी और लग्जरी कार – 28% + 15-22% Cess

यानी, अगर आपने 15 लाख रुपये की SUV खरीदी है, तो उस पर सिर्फ GST और Cess मिलाकर 5 लाख रुपये तक का टैक्स सरकार को जाएगा!

(ii) रोड टैक्स (Road Tax):

हर राज्य का रोड टैक्स अलग होता है। जैसे—
दिल्ली: 4-10%
महाराष्ट्र: 7-12%
कर्नाटक: 10-15%
उत्तर प्रदेश: 6-12%

(iii) रजिस्ट्रेशन शुल्क (RTO Fees):

आपकी कार के साइज और इंजन कैपेसिटी के हिसाब से RTO फीस ली जाती है। यह ₹30,000 से ₹1,00,000 तक हो सकती है।

(iv) इंश्योरेंस:

भारत में कार के लिए थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। कार की कीमत और इंजन के हिसाब से ₹30,000 से ₹50,000 तक का खर्च आ सकता है।


4. क्या कोई टैक्स बचाया जा सकता है?

अगर आप चाहते हैं कि आपकी कार सस्ती पड़े, तो कुछ ट्रिक्स अपना सकते हैं—
इलेक्ट्रिक कार खरीदें: EVs पर रोड टैक्स और GST काफी कम होता है।
दूसरे राज्य से खरीदें: कुछ राज्यों में रोड टैक्स कम है, वहां से खरीदने पर बचत हो सकती है।
फेस्टिवल ऑफर का फायदा उठाएं: कई बार कंपनियां टैक्स और रजिस्ट्रेशन चार्ज पर छूट देती हैं।


निष्कर्ष: कितने पैसे जाते हैं सरकार को?

अगर आप 10 लाख रुपये की कार खरीदते हैं, तो अलग-अलग टैक्स और शुल्क मिलाकर 3 से 7 लाख रुपये तक सरकार को देने पड़ते हैं! यही वजह है कि कार की ऑन-रोड कीमत एक्स-शोरूम कीमत से बहुत ज्यादा होती है।

तो अगली बार जब आप कार खरीदें, तो सिर्फ एक्स-शोरूम प्राइस देखकर ना चलें, बल्कि पूरा हिसाब लगाएं और सही प्लानिंग के साथ अपनी पसंदीदा गाड़ी खरीदें!

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