नए मालिक के नाम कैसे ट्रांसफर करें गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट : अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी बेच रहे हैं या किसी से सेकेंड-हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं, तो सबसे जरूरी काम होता है रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) का ट्रांसफर। यह ट्रांसफर सुनिश्चित करता है कि गाड़ी के कानूनी मालिकाना हक में बदलाव सही तरीके से हो जाए और भविष्य में किसी भी प्रकार की दिक्कत न आए।
अगर RC ट्रांसफर सही तरीके से नहीं किया गया, तो पुराना मालिक कानूनी रूप से गाड़ी की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं होगा और कोई भी चालान, दुर्घटना या कानूनी मामला उसी के नाम पर दर्ज हो सकता है। इसलिए यह प्रक्रिया पूरी करना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं RC ट्रांसफर करने का सही तरीका।
RC ट्रांसफर करने का सही तरीका
1. जरूरी डॉक्युमेंट्स तैयार करें
RC ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करने से पहले आपको कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी:
मूल (Original) RC – गाड़ी का असली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
फॉर्म 29 और फॉर्म 30 – ये दोनों फॉर्म RTO से मिलते हैं, जिनमें गाड़ी बेचने और ट्रांसफर करने का आवेदन किया जाता है
बीमा (Insurance) की कॉपी – गाड़ी का वैध इंश्योरेंस होना जरूरी है
PUC सर्टिफिकेट – वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (Pollution Under Control)
बायोडाटा/आईडी प्रूफ – नया मालिक और पुराना मालिक, दोनों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर ID की कॉपी
सेल एग्रीमेंट – कुछ मामलों में खरीदार और विक्रेता के बीच बिक्री का अनुबंध भी जरूरी होता है
NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) – अगर गाड़ी फाइनेंस पर ली गई थी, तो बैंक से NOC लेना अनिवार्य है
2. RC ट्रांसफर के लिए RTO में आवेदन करें
RC ट्रांसफर के लिए आपको RTO (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) में आवेदन करना होगा। इसके दो तरीके हैं:
ऑफलाइन प्रक्रिया: आप नजदीकी RTO जाकर सभी डॉक्युमेंट्स जमा कर सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया: अब यह काम परिवहन पोर्टल (https://parivahan.gov.in) से भी किया जा सकता है।
ऑनलाइन RC ट्रांसफर प्रक्रिया
परिवहन पोर्टल पर जाएं (https://parivahan.gov.in)
“ऑनलाइन सर्विसेज” सेक्शन में “वाहन संबंधित सेवाएं” पर क्लिक करें
अपना राज्य और RTO ऑफिस चुनें
गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर डालें
“ऑनरशिप ट्रांसफर” विकल्प चुनें
सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स अपलोड करें और फीस भरें
रसीद डाउनलोड करें और उसका प्रिंटआउट लें
3. बायोमेट्रिक और वेरिफिकेशन प्रक्रिया
RTO में फॉर्म जमा करने के बाद, नए और पुराने मालिक दोनों को वेरिफिकेशन के लिए बुलाया जा सकता है। कुछ RTO में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन (फिंगरप्रिंट और फोटो) भी किया जाता है।
4. फीस जमा करें
RC ट्रांसफर की फीस अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर यह ₹300-₹500 के बीच होती है, लेकिन गाड़ी के प्रकार और राज्य के हिसाब से बदल सकती है।
5. RC ट्रांसफर कब तक होता है?
अगर सभी डॉक्युमेंट्स सही हैं और कोई दिक्कत नहीं आती, तो 15-30 दिनों के अंदर नया RC जारी हो जाता है।
कई RTOs में प्रक्रिया में 45 दिन तक का समय भी लग सकता है।
आप परिवहन पोर्टल पर जाकर अपने आवेदन की स्थिति (Application Status) भी चेक कर सकते हैं।
6. RC ट्रांसफर होने के बाद क्या करें?
जब नया RC नए मालिक के नाम पर जारी हो जाता है, तो आपको ये चीजें सुनिश्चित करनी चाहिए:
बीमा पॉलिसी अपडेट कराएं – नए मालिक के नाम पर बीमा ट्रांसफर करवाएं
FASTag ट्रांसफर करें – अगर गाड़ी में FASTag है, तो उसे भी नए मालिक के अकाउंट से लिंक करवाएं
No Dues सर्टिफिकेट लें – विक्रेता को पुराने टैक्स और बकाया शुल्क का क्लियरेंस लेना चाहिए
निष्कर्ष
गाड़ी का RC ट्रांसफर करवाना एक बेहद जरूरी प्रक्रिया है, जिससे गाड़ी का मालिकाना हक पूरी तरह नए मालिक को मिल जाता है। अगर आप अपनी गाड़ी बेच रहे हैं या सेकेंड-हैंड गाड़ी खरीद रहे हैं, तो ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करके आसानी से RC ट्रांसफर कर सकते हैं।
इससे कोई भी कानूनी पेंच नहीं फंसेगा और भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सकेगा।